Archive for मई, 2008

ट्रैफिक पुलिसिया यमलोक में

मई 23, 2008

एक ट्रैफिक पुलिसिया मर कर यमलोक पहुँचता है

 

यमराज – तुमने अच्छे-बुरे दोनो काम बराबर किये हैं। इसलिए इन दोनो रास्तों में से जो भी चुनना है चुन लो, स्वर्ग का या नरक का।

 

ट्रैफिक पुलिसिया – आप मुझे यहीं चौक पर रहने दो।

ट्रैफिक पुलिस के थाने में

मई 17, 2008

ट्रैफिक पुलिस वाले के लड़का हुआ, तो वो अपने अफसर के पास जाकर कहता है-

 

पुलिसिया  सर! लड़का हुआ है, कुछ तरक्की?

 

ऑफिसर– ठीक है, 200रु.।

 

पुलिसिया– नहीं सर!  इसमें तो उसकी महीने भर की डाइपर भी नहीं आएगी।

 

ऑफिसर– ठीक है, 500रु.।

 

पुलिसिया– नहीं सर! इसमें तो उसकी महीने भर का दूध भी नहीं आएगा।

 

ऑफिसर– 40 (speed limit) का बोर्ड हाथ में देते हुए कहता है – ले, जहां जी में आए लगा ले।

 

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(जैसे भारत में अधिकतम गति सीमा 60 कि. मी. प्र. घं. है, रूस में 100km. p/h. है। मतलब ये 40 भारत के लिए 30 के बराबर हैं। यूरोप के कई देशो में अधिकतम गति सीमा 140 तक है। जर्मनी के शहरों में तो अन्य यूरोपीय देशों की तरह ही गति सीमा है लेकिन हाई-वे पर कोई अधिकतम सीमा नहीं है और सड़कें भी इस लायक हैं। मैं 215 km. p/h. सफर कर चुका हूँ लेकिन वहां पर 260 आम बात है।)